Wednesday, September 7, 2011

ध्यान घनश्याम का दीवाना बना देता है..

ध्यान घनश्याम का दीवाना बना देता है..
बाघे दुनिया को भी वीराना देता है..
बिहार सांवरे सरकार तेरा इस दिल को..
कभी गोकुल कभी बरसाना बना देता है..
बुत परस्ती का कड़ा शौक इसे कहते हैं..
... सर जहां झुकता है, बुतखाना बना देता है..
प्रेम प्याले जो पियें भर के, वो अपनी जानें
हम को इक बूँद ही मस्ताना बना देता है..

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज

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